सीबीआई सूत्रों ने बताया कि इन पूर्व अधिकारियों का जवाब आने के बाद आगामी कार्रवाई शुरू की जाएगी। साल 2013 से 2016 तक शिक्षा विभाग की छात्रवृत्ति शाखा में काम कर चुके अधिकारियों को सीबीआई ने नोटिस जारी कर पूछा है कि निजी संस्थानों को छात्रवृत्ति राशि जारी करने से पहले कितने संस्थानों में जाकर पड़ताल की।
अगर पड़ताल नहीं की तो उसका क्या कारण रहा। मौके पर पड़ताल की तो क्या कदम उठाए गए। नोटिस के माध्यम से पूछा गया है कि निजी संस्थानों को अधिक बजट जारी करने के लिए किस नियम को अपनाया गया। निजी संस्थानों को सरकारी संस्थानों की अपेक्षा पहले छात्रवृत्ति राशि देने के लिए किसने आदेश दिए। इसके अलावा कई अन्य सवालों को भी नोटिस के माध्यम से पूछा गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में सामने आए 250 करोड़ से अधिक राशि के छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई शिक्षा निदेशालय के एक अधीक्षक को गिरफ्तार कर चुकी है। इस अधीक्षक से हुई अभी तक की पूछताछ में कई सरकारी अधिकारियों की संलिप्तता भी सामने आई है। इसी आधार पर अब सीबीआई ने नोटिस जारी कर पूर्व अधिकारियों से जवाब तलब किया है।